इस्पात नगरी में डेंगू की रोकथाम के लिए अभियान शुरू किया
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इस्पात नगरी में डेंगू की रोकथाम के लिए अभियान शुरू किया

दिनांक: 03.07.2024

इस्पात नगरी में डेंगू रोकथाम और नियंत्रण हेतु अभियान जारी

भिलाई इस्पात संयंत्र का जन स्वास्थ्य विभाग, इस्पात नगरी में मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि की रोकथाम के लिए 15 जून 2024 से सघन अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। इस अभियान के तहत, इस्पात नगरी के आवासों का सर्वे, निरीक्षण, दवाओं का वितरण तथा छिड़काव शुरू हो चूका है। बीएसपी का जन स्वास्थ्य विभाग, जिला मलेरिया विभाग, दुर्ग के साथ मिलकर उनके प्रशिक्षित कर्मचारियों के सहयोग से घर-घर सर्वेक्षण, दवाइयों के वितरण और स्प्रे आदि के कार्य के साथ इस्पात नगरी के नागरिकों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।

बारिश के मौसम में भिलाई टाउनशिप में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है। पूर्व के वर्षों में डेंगू, मलेरिया और मच्छर जनित रोगों से कई मौतें भी हो चुकी है। इसे ध्यान में रखते हुए, इस्पात नगरी में मच्छरों के प्रकोप को कम करने और डेंगू, मलेरिया की रोकथाम को सुनिश्चित करने के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां की जा चुकी है। इसके लिए टाउनशिप के विभिन्न सेक्टरों में पोर्टेबल फॉगिंग, वाटर फॉगिंग, ऑयलिंग, घरों में टेमीफॉस का वितरण और बैकलाइन क्षेत्रों में फॉगिंग एवं दवाओं के स्प्रे का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे उत्पन्न लार्वा को समय रहते नष्ट किया जा सके एवं डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सके। संयंत्र के नगर सेवा विभाग के जन स्वास्थ्य अनुभाग द्वारा विभिन्न टीमों के साथ अलग अलग सेक्टरों में घरों का निरीक्षण किया जा रहा है। जिसमें कूलर और जल से भरे हुए विभिन्न पात्र जैसे बर्तन, ड्रम, टंकियां आदि का निरीक्षण किया। इस सर्वे के साथ जल एकत्र होने वाले स्थानों की सफाई एवं वहाँ दवाइयों का छिड़काव कर और टेमीफॉस दवा का वितरण भी किया जा रहा है। मच्छर जनित रोगों की आशंका को ध्यान में रखते हुए संयंत्र ने यह अभियान प्रारंभ किया है। इस अभियान के तहत आने वाले दिनों में अभियान को और मजबूती प्रदान की जाएगी।

छत्तीसगढ़ शासन के जिला मलेरिया विभाग, दुर्ग से भुगतान के आधार पर प्राप्त ब्रीडिंग चेकर्स के माध्यम से 15 जून से ही सर्वेक्षण एवं जागरूकता अभियान आरंभ किया जा चूका है। इस अभियान के तहत ब्रीडिंग चेकर्स द्वारा टाउनशिप के प्रत्येक आवास सहित सभी दुकानों एवं भवनों में जाकर ऐसे स्थान जहां मच्छरों के पनपने की आशंका हो सकती है, जैसे पशुओं एवं पक्षियों के लिए रखे पानी के पात्र, कूलर, पुराने टायर, नारियल के खोल, पुराने बर्तन, पानी की टंकिया तथा अन्य जल-पान व जल जमाव के अन्य स्थानों आदि का निरीक्षण किया जा रहा है और मच्छरों के लार्वा विनिष्टीकरण के साथ ही इनके रोकथाम हेतु निरोधक उपायों के लिए लोगों को जागरूक करने जानकारी के साथ निःशुल्क लार्वानाशी (टेमीफॉस) का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा बैकलेन की सफाई एवं घरों में कीटनाशकों का छिड़काव नियमित रूप से किया जा रहा है। इसके साथ ही मच्छरों के संख्या पर नियंत्रण हेतु नियमित रूप से ऐसे स्थान जहां पानी एकत्र होता है, को नाली बनाकर खाली करने के साथ ही रुके पानी पर आयलिंग का कार्य आरंभ किया जा रहा है, ताकि मच्छर को प्रारंभिक अवस्था में ही समाप्त कर मच्छरों की संख्या पर नियंत्रण रखा जा सके।

मच्छरों की संख्या पर नियंत्रण जन सहयोग से ही सफल एवं कारगर हो सकती है। घर के अंदर पैदा हो रहे मच्छरों पर बाहर का कोई व्यक्ति कितना भी प्रयत्न कर ले, प्रयास तब तक अधूरा है जब तक वहां के रहवासियों का पूर्ण सहयोग ना मिले। इसके साथ ही वेहिकल माउंटेड थर्मल फॉगिंग मशीन द्वारा पूरे टाउनशिप में फागिंग ऑपरेशन भी किया जा रहा है। जन स्वास्थ विभाग, भिलाई की प्रबुद्ध जनता से यह अपील करता है कि, मच्छर नियंत्रण हेतु व्यक्तिगत स्तर पर किये जा सकने वाले उपाय जैसे कूलर एवं पानी की टंकियों को प्रति सप्ताह एक बार पूरी तरह खाली करना, खाली पड़े बर्तनों, पुराने टायरों में पानी का जमाव ना होने देना, रुके हुए पानी जिसे खाली करना संभव ना हो उस पर किसी भी प्रकार के तेल की कुछ बुँदे डालने एवं मच्छरदानी का नियमित उपयोग कर डेंगू एवं मच्छरों से होने वाले बीमारियों के रोकथाम में सहयोग करेंगे।

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